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कहीं साजिश तो नहीं.. बहराइच कांड, विशेष समुदाय का तांडव , पुलिस बनी मूक दर्शक...

by admin@gmail.com on | 2024-10-15 10:38:03

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कहीं साजिश तो नहीं.. बहराइच कांड, विशेष समुदाय का तांडव , पुलिस बनी मूक दर्शक...

नवीन मिश्रा । यूपी के बहराइच के महसी के महराजगंज कस्बे में प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई पत्थरबाजी और गोलीकांड की आग धीरे-धीरे पूरे जिले में फैल गई। सोमवार सुबह से जिले में डर और दहशत का माहौल रहा। शहर की मुख्य बाजार घंटाघर से पीपल तिराहे तक की दुकानें बंद रहीं। महराजगंज कस्बे में सुबह से ही सन्नाटा रहा। सिर्फ पुलिसकर्मी ही नजर आए। दहशत के बीच लोग अपने घरों में कैद रहे और बाजार की सभी दुकानें बंद रहीं। विवाद का असर शिवपुर विकासखंड की बजारों में भी देखने को मिला। पूरे शिवपुर में बंदी रही। इस दौरान जगह-जगह प्रदर्शन होता रहा। खैरीघाट, भगवानपुर चौराहा, राजी चौराहा व महसी में भी बजारें बंद रहीं। 


ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैली हिंसा, बढ़ा तनाव..

रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद जारी हिंसा नहीं थम रही है। सोमवार सुबह आक्रोशित भीड़ ने हरदी, साधुवापुर, भगवानपुर और राजी चौराहे पर आगजनी की। आक्रोशित भीड़ ने हरदी चौराहे पर दुकानों के बाहर लगी होर्डिंग में आग लगा दी। वहीं, राजी चौराहे पर रखे टायर में आग लगा दी, जिसे दमकल वाहनों ने बुझाया। यही नहीं, भीड़ ने सधुवापुर और भगवानपुर चौराहे पर भी उपद्रव किया। धाबली में छप्पर में आग लगा दी, जिसके बाद पहुंची पुलिस और पीएसी के जवानों ने मोर्चा संभाला और लाठी फटकार कर प्रदर्शन कर रहे लोगों को खदेड़ा। आक्रोशित भीड़ ने चंदपईया और कबडियनपुरवा गांव में भी तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके बाद पूरे क्षेत्र में लोग सहमे रहे। 


कहीं साजिश तो नहीं..
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान रविवार को महसी के महराजगंज में युवक की निर्मम हत्या किसी साजिश का नतीजा तो नहीं थी। हत्या से पूर्व सुनियोजित तरीके से विसर्जन जुलूस में बवाल और पत्थरबाजी उसके बाद युवक की गोली मारकर हत्या करना खुफिया तंत्र व पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रही है।


श्रद्धालुओं पर पुलिस लाठी चार्ज पर भी सवाल..

विसर्जन जुलूस के दौरान जब दोनों पक्षों में झड़प शुरू हुई, अगर उसी समय जुलूस में ड्यूटी पर तैनात पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कराने में दिलचस्पी लेते, तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती, लेकिन पुलिस के जिम्मेदारों ने दोनों पक्षों को समझाने के बजाए एक पक्ष पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे जिले का अमन चैन तो बिगड़ा ही साथ में महराजगंज की आग पूरे जिले में फैल गई।


शहर में भी श्रद्धालुओं पर बरसी पुलिस की लाठी..
महाराजगंज में हुई युवक की हत्या के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया तो गुस्साए परिजनों के साथ लोगों ने शव को मेडिकल कॉलेज के सामने रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। लेकिन वहां भी पुलिस की मानवता नहीं दिखाई दी। पुलिस ने पहले अपनी दबंगई के बल पर गुस्साए लोगों को शांत करने के बजाए सड़क से जबरन हटाने की कोशिश की, लेकिन लोगों के भड़के गुस्से के सामने पुलिस को पीछे हटना पड़ा। इसके बाद पुलिस की लाठियां आला अधिकारियों के सामने श्रद्धालुओं पर जमकर बरसीं। हालत यह रही कि अस्पताल चौराहे और चौक बाजार पर पुलिस ने निर्दोष श्रद्धालुओं को जमकर लाठियों से पीटा। इस दौरान सड़क से निकलने वाले बाइक सवारों को भी पुलिस ने नहीं बख्शा।


तीन महीने पहले हुई थी शादी..

प्रतिमा विसर्जन के दौरान रामगोपाल मिश्रा की हत्य से पूरा परिवार बिखर गया। परिजनों के अनुसार रामगोपाल की शादी तीन महीने पहले रोली के साथ हुई थी। घटना के बाद से रोली का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार पति का नाम लेकर बेहोश जा रही है।


पुलिस ने हमे ही लाठियों से पीटा..
परिजनों ने कहा कि हर साल प्रतिमा का विसर्जन होता है। यह पहली बार नहीं था। ऐसे में पुलिस प्रशासन को पुख्ता इंतजाम करना चाहिए था। पहले तो वह इंतजाम सही नहीं कर सके, जब बवाल हुआ तो उसको काबू नहीं कर पाए। सीधा सीधा उन्होंने पुलिस प्रशासन की नाकामी बताई। यह भी कहा कि बवाल के बाद उनके ही पक्ष पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। दूसरे पक्ष पर मेहरबानी दिखाई गई। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने में भी लापरवाही की गई। देर रात बस फोटो खिंचाने के लिए आला अफसर मौके पर पहुंचे। इसे लेकर भी लोगों में नाराजगी है।



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