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by admin@gmail.com on | 2024-12-23 11:02:38
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गाजीपुर । जरायम की दुनिया में 28 मार्च, 2024 की तारीख एक इतिहास की तरह दर्ज हो गई। इस दिन पूर्वांचल का सबसे बड़ा माफिया ही नहीं, बल्कि एक बाहुबली राजनीतिज्ञ की भी मौत हो गई। वह नाम था मुख्तार अंसारी। गुरुवार के दिन सबकुछ सामान्य चल रहा था तभी देर शाम वायरल एक मैसेज ने सभी का ध्यान मीडिया की ओर घुमा दिया। हर कोई फोन कॉल के माध्यम से यही जानना चाह रहा था कि सच्चाई क्या है। क्या खत्म हो गया मुख्तार?
फोन की एक घंटी गाजीपुर के मुहम्मदाबाद स्थित बड़ा फाटक में भी बजी थी, जिसमें कहा गया कि मुख्तार अंसारी की तबीयत काफी बिगड़ गई है। आप लोग बांदा मेडिकल कॉलेज आ जाइए। यह फोन कॉल बांदा जेल से आया था। इसके चंद मिनट बाद एक वीडियाे न्यूज चैनल पर दिखने लगी, जिसमें एंबुलेंस दिखाई दे रही थी और उसके अंदर था मुख्तार अंसारी। अपराध और राजनीति का बादशाह कहा जाने वाला मुख्तार स्ट्रेचर पर शिथिल पड़ा था। कुछ देर बाद ही डॉक्टरों और जेल प्रशासन के लोगों ने मुख्तार के मौत की घोषणा कर दी। यह खबर सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे देश में फैल गई। मीडिया भी यही बताने में लगा रहा कि आखिर मौत कैसे हुई...? हर कोई इसकी सच्चाई जानना चाह रहा था कि इसी बीच, मुख्तार के भाई और तत्कालीन गाजीपुर संसदीय सीट के दावेदार अफजाल अंसारी ने बड़ा आरोप लगा दिया। वह आरोप था कि उनके भाई यानी मुख्तार को धीमा जहर देकर मारा गया है। मुख्तार के बेटे उमर ने भी यही आरोप लगाया। इसके बाद बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए, साथ ही एक सप्ताह में रिपोर्ट भी मांगी।